सामाजिक जीवन में मानवीय मूल्य एवम् संस्कृति का महत्व

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डॉ.ज्योत्सना सी.रावल

Abstract

हमारी संस्कृति विश्व की समस्त संस्कृतियोँ में अनमोल है I हमारे सनातन मूल्य विश्व के विकास में सहयोगी है I भारतीय संस्कृति विश्व के समस्त संस्कृतियोँ से पृथक है और प्रेरणा स्त्रोत भी है I जब संपूर्ण विश्व विकास की और अग्रसर हो रहा था तब हमारी वैदिक संस्कृति संपूर्ण कलाओं में निपुण और प्रेरणादायक बनकर खड़ी थी I आज विश्व इस बात को माने या न माने किन्तु विण्टरनिट्ज कहा है “यदि हम अपनी संस्कृति के विकास का अध्ययन करना चाहते है तो हमें भारत जाना चाहिए जहाँ भारोपीय समुदाय का प्राचीनतम साहित्य सुरक्षित है I”, “ सा प्रथमा संस्कृतिविश्ववारा ” इसी सनातन मूल्य किसी भी देश काल से बाधित नहीं हो सकते है I भारतीय संस्कृति ने वैदिक मूल्य को ही अपना आधार माना है I उनका जीवन ही कर्मकाण्ड था I

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डॉ.ज्योत्सना सी.रावल

वि.एन.एस.बी.एल. ली. आर्ट्स एन्ड कॉमर्स कॉलेज, वडनगर एन्ड, श्री वि.आर.पटेल कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, मेहसाना

आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज, वडनगर, संस्कृत विभाग