अर्थव्यवस्था और योग

Authors

  • डॉ. राजेश त्रिपाठी

DOI:

https://doi.org/10.53555/sfs.v10i1.3037

Keywords:

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Abstract

योग विद्या प्राचीन विद्या है एवं यह शरीर, मन, आत्मा पर प्रभाव डालती है तथा यदि शरीर, मन, आत्मा प्रसन्न रहती है तो आर्थिक उन्नति में सहायक रहती है। अर्थ ही संसार का मूल है, इसके बिना सब व्यर्थ है।

Author Biography

  • डॉ. राजेश त्रिपाठी

    योग विभाग, गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा (राज.)

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Published

2023-01-10

Issue

Section

Articles