अर्थव्यवस्था और योग
DOI:
https://doi.org/10.53555/sfs.v10i1.3037Keywords:
.Abstract
योग विद्या प्राचीन विद्या है एवं यह शरीर, मन, आत्मा पर प्रभाव डालती है तथा यदि शरीर, मन, आत्मा प्रसन्न रहती है तो आर्थिक उन्नति में सहायक रहती है। अर्थ ही संसार का मूल है, इसके बिना सब व्यर्थ है।